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आज शिवराज सिंह चौहान का बड़ा ऐलान

 

आज मंत्रालय में मंत्रिमंडल के सदस्यों सर्वश्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा जी, कमल पटेल जी, विश्वास सारंग जी, जगदीश देवड़ा जी, बिसाहूलाल सिंह जी, अरविंद भदौरिया जी, विजय शाह जी, भारत सिंह कुशवाह जी और प्रद्युम्न सिंह तोमर जी के साथ #COVID19 नियंत्रण को लेकर महत्वपूर्ण बैठक कर चर्चा की। प्रदेश के सभी जिलों के अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन, दवाओं, इंजेक्शन व सभी सामग्रियों की पर्याप्त व्यवस्था है। हर जिले में कोरोना केयर सेंटर बनाए जा रहे हैं। सभी जिलों में पर्याप्त संख्या में बिस्तर बढ़ाए जा रहे हैं और निजी अस्पतालों से भी अनुबंध किया जा रहा है। सभी मंत्रीगण से मैंने कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण रोकने और उपचार की व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए युद्धस्तर पर जुटें। कोरोना संक्रमण को हर हाल में प्रभावी रूप से रोकना है और हर कोरोना मरीज़ का सर्वोत्तम इलाज सुनिश्चित करना है। कोरोना के उपचार के लिए ज़िलों के सरकारी अस्पतालों में कुल 60% और निजी अस्पतालों में 47% बिस्तर खाली हैं। शासकीय अस्पतालों में 17,492 बिस्तर भरे हुए हैं, वहीं निजी अस्पतालों में 13,250 बिस्तर भरे हुए हैं। भोपाल में मध्यप्रदेश शासन द्वारा जेके अस्पताल और पीपुल्स अस्पताल को अनुबंधित कर लिया गया है। बैठक में जानकारी दी गई कि पीपुल्स अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए 150 बिस्तर इस समय खाली हैं। कोरोना के कुल मरीजों में से 67% मरीज होम आईसोलेशन में है और 33% मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। अस्पतालों में भर्ती मरीजों में से 18% ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं और 8% आईसीयू में है। प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 30,000 है। पहले मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता 60 मीट्रिक टन थी, जिसे 3 गुना बढ़ाया गया है। अब हमारे अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता 180 मीट्रिक टन है, जो पर्याप्त है। हर ज़िला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन की व्यवस्था करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। कोरोना अस्पतालों के अलावा हर ज़िले में कोविड केयर सेंटर भी बनाए जा रहे हैं, जिनमें कोरोना के मरीजों की देखभाल की जाएगी। कोरोना संबंधी व्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए हर ज़िले को दो-दो करोड़ रुपए की राशि भी जारी की गई है। कोरोना के उपचार के संबंध में 50,000 रेमडेसिविर इंजेक्शन के आर्डर दे दिए गए हैं और इंजेक्शन आना भी प्रारंभ हो गए हैं। आगे भी इनकी पर्याप्त आपूर्ति बनी रहेगी। इन्हें शासकीय और अनुबंधित अस्पतालों में नि:शुल्क लगाया जाएगा। होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों के लिए भी अच्छी व्यवस्था की जा रही है। ज़िला कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से इनकी पूरी देखभाल की जा रही है। दिन में कम से कम 2 बार इनसे बात करने तथा आकस्मिक निरीक्षण करने के भी निर्देश जिलों को दिए गए हैं। क्राइसिस मैनेजमेंट समूह अपने-अपने ज़िले की परिस्थितियों के अनुरूप रणनीति बनाएँ। सम्पूर्ण लॉकडाउन के बजाय छोटे-छोटे क्षेत्रों में लॉकडाउन करने को प्राथमिकता दी जाए और माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जाएँ।


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